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ये खुदा तूने इंसान को क्या से क्या बना दिया

ये खुदा तूने इंसान को क्या से क्या बना दिया ,
किसी को हीर तो किसी को राँझा बना दिया !
कितना बेबकूफ़ था शायजहाँ…………..
एक फूल का बोझ उठा नहीं सकती थी मुमताज ,
और उसके ऊपर ताज महल बनबा दिया !!

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