ना हम रहे दिल लगाने के क़ाबिल
ना हम रहे दिल लगाने के क़ाबिल,
ना दिल रहा घाम उठाने के क़ाबिल,
लगा उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल पर,
ना छोड़ा उस ने मुस्कुराने के क़ाबिल.
ना हम रहे दिल लगाने के क़ाबिल,
ना दिल रहा घाम उठाने के क़ाबिल,
लगा उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल पर,
ना छोड़ा उस ने मुस्कुराने के क़ाबिल.