मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं चमकता सूरज भी मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं; चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए। hajaar baar li hai tumne tu mile ya na mile ye to Download मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं चमकता सूरज भी [small] Download मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं चमकता सूरज भी [1080x1080] Download मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं चमकता सूरज भी [1080x1920] Download मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं चमकता सूरज भी [1920x1080] Related Shayaris👉 👉kehte hai ki mohabbat ek 👉khushnasib kuchh aise ho 👉mere lafj feeke pad 👉sirf tuney hi kabhi 👉jitni haseen ye