में तो चिराग हू तेरे आशियाने का
में तो चिराग हू तेरे आशियाने का
कभी ना कभी तो बुझ जाऊंगा …
आज शिकायत है तुझे मेरे उजाले से
कल अँधेरे में बहुत याद आऊंगा …
में तो चिराग हू तेरे आशियाने का
कभी ना कभी तो बुझ जाऊंगा …
आज शिकायत है तुझे मेरे उजाले से
कल अँधेरे में बहुत याद आऊंगा …