क्या बनाने आये थे और क्या बना बैठे
क्या बनाने आये थे और क्या बना बैठे
कहीं मंदिर बना बैठे तो कहीं मस्जिद बना बैठे
हमसे तो जात अछि उन परिंदों की
जो कभी मंदिर पे जा बैठे तो कभी मस्जिद पे जा बैठे
क्या बनाने आये थे और क्या बना बैठे
कहीं मंदिर बना बैठे तो कहीं मस्जिद बना बैठे
हमसे तो जात अछि उन परिंदों की
जो कभी मंदिर पे जा बैठे तो कभी मस्जिद पे जा बैठे