कितना दूर निकल गए रिश्ते निभाते निभाते
कितना दूर निकल गए रिश्ते निभाते निभाते
खुद को खो दिया हमने अपनों को पाते पाते
लोग कहते है दर्द है मेरे दिल में…
और तुम थक गए मुस्कुराते मुस्कुराते…
कितना दूर निकल गए रिश्ते निभाते निभाते
खुद को खो दिया हमने अपनों को पाते पाते
लोग कहते है दर्द है मेरे दिल में…
और तुम थक गए मुस्कुराते मुस्कुराते…