कितना भी चाहो ना भूला पाओगे
कितना भी चाहो ना भूला पाओगे
हमसे जितना दूर जाओ नज़दीक पाओगे
हमे मिटा सकते हो तो मिटा दो
यादें मेरी, मगर….
क्या सपनो से जुदा कर पाओ गे हमे|
कितना भी चाहो ना भूला पाओगे
हमसे जितना दूर जाओ नज़दीक पाओगे
हमे मिटा सकते हो तो मिटा दो
यादें मेरी, मगर….
क्या सपनो से जुदा कर पाओ गे हमे|