कभी खुशी की आशा कभी गम की निराशा
कभी खुशी की आशा, कभी गम की निराशा,
कभी खुशियों की धूप, कभी हक़ीक़त की छाया,
कुछ खोकर कुछ पाने की आशा., शायद यही है ज़िंदगी की सही परिभाषा……
कभी खुशी की आशा, कभी गम की निराशा,
कभी खुशियों की धूप, कभी हक़ीक़त की छाया,
कुछ खोकर कुछ पाने की आशा., शायद यही है ज़िंदगी की सही परिभाषा……