जो गुज़र गया वो क्यों सोचें आगे की बात करो
जो गुज़र गया वो क्यों सोचें, आगे की बात करो
वीरानों की बातें क्यों सोचें, गुलशन की बात करो
पतझड़ की बातों को छोड़ो, नव वसंत की बात करो
जीवन नहीं दुबारा मिलता, सबके हित की बात करो