एक हसरत थी की कभी वो भी हमे मनाये पर ये कम्ब्खत दि एक हसरत थी की कभी वो भी हमे मनाये..पर ये कम्ब्खत दिल कभी उनसे रूठा ही नही। dil mei chhupa rakhi hai pahle to yun hi gujar Download एक हसरत थी की कभी वो भी हमे मनाये पर ये कम्ब्खत दि [small] Download एक हसरत थी की कभी वो भी हमे मनाये पर ये कम्ब्खत दि [1080x1080] Download एक हसरत थी की कभी वो भी हमे मनाये पर ये कम्ब्खत दि [1080x1920] Download एक हसरत थी की कभी वो भी हमे मनाये पर ये कम्ब्खत दि [1920x1080] Related Shayaris👉 👉jis cheez pe tu haath rakhe wo 👉naam tera aise likh chuke 👉mohabbat ho kar bhi ham 👉na chaand chahiye na falak 👉meri ibadat teri