दुश्मन नसिब अपना
दुश्मन नसिब अपना,
साचा रकिब अपना.
सांसोमें सोना चांदी,
दिल है गरिब अपना. है कौन के जिसे मैं समजु करीब अपना,
तनहा हुं महेफीलोमें, ये है नसीब अपना
दुश्मन नसिब अपना,
साचा रकिब अपना.
सांसोमें सोना चांदी,
दिल है गरिब अपना. है कौन के जिसे मैं समजु करीब अपना,
तनहा हुं महेफीलोमें, ये है नसीब अपना