ए खुदा आज ये फ़ैसला करदे उसे मेरा या मुझे उसका करदे
ए खुदा आज ये फ़ैसला करदे, उसे मेरा या मुझे उसका करदे.
बहुत दुख सहे हे मैने, कोई ख़ुसी अब तो मूक़दर करदे.
बहुत मुश्किल लगता है उससे दूर रहना, जुदाई के सफ़र को कम करदे.
जितना दूर चले गये वो मुझसे, उसे उतना करीब करदे.
नही लिखा अगर नसीब मे उसका नाम, तो ख़तम कर ये ज़िंदगी और मुझे फ़ना करदे