💌इश्क़ / मोहब्बत शायरियां kuchh uljhe sawaalo se darta कुछ उलझे सवालो से डरता हे दिल जाने क्यों तन्हाई में बिखरता हे दिल किसी को पाने कि अब कोई चाहत न रही बस कुछ अपनों को खोने से डरता हे ये दिल phone meri zindgi ka ek फ़ोन मेरी ज़िन्दगी का एक अहम् हिस्सा बन गया फ़ोन पर मिली तू मुझे और प्यार का एक नया किस्सा बन गया होती थी रोज मुलाकाते फ़ोन पर हमारी तू मेरे दिल कि रानी मैं तेरे दिल का रजा बन गया bin dekhe mai tujhse बिन देखे मैं तुझसे प्यार कर बेठा, बस यही गुनाह मैं एक बार कर बेठा मिलना तो तुझसे मुकदर को मंजूर न था ये सब जानते हुए मैं मोहब्बत तुझसे बेसुमार कर बेठा अगर मंजूर हुआ मुकदर को तो फूल फिर खिलेंगे बिछड़े हुए दो दिल फिर मिलेंगे अगर मिल न पाये इस जनम में तो काया हुआ ये आशिक़ है फिर मिलेंगे किसी और जानम में ! jab khamosh ankho se baat जब खामोश आँखो से बात होती है ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं पता नही कब दिन और कब रात होती है…….. muskurate palko pe sanam मुस्कुराते पलको पे सनम चले आते हैं, आप क्या जानो कहाँ से हमारे गम आते हैं, आज भी उस मोड़ पर खड़े हैं, जहाँ किसी ने कहा था,कि ठहरो हम अभी आते हैं………. mere wajood mei kaash tu मेरे वजूद मे काश तू उतार जाए मे देखु आईना ओर तू नज़र आए, तू हो सामने और वक़्त ठहर जाए, ये ज़िंदगी तुझे यू ही देखते हुए गुज़र जाए.. haqiqat kaho to unko हकीक़त कहो तो उनको ख्वाब लगता है .. शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है… कितने सिद्दत से उन्हें याद करते है हम …………. और एक वो है ….जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है……………… mandir mei jap karte hun मंदिर में जप करता हूँ, मस्जिद में आदाब करता हूँ, इंसान से कहीं भगवान ना बन जाउ इसलिए रोज़ तुझको SMS करके पाप करता हूँ wo zindagi hi kya वो ज़िंदगी ही क्या जिसमे मोहब्बत नही, वो मोहबत ही क्या जिसमे यादें नही, वो यादें क्या जिसमे तुम नही, और वो तुम ही क्या जिसके साथ हम नही!!! suhana mausam aur hawa mei सुहाना मौसम ओर हवा मे नमी होगी आशुंओ की बहती नदी होगी मिलना तो हम तब भी चाहेगे आपसे जब आपके पास वक्त और हमारे पास सासों कि कमी होगी